अपने प्रदेश की भाषा की बात ही कुछ और होती है। मिथिलांचल के करीब होने के कारण मैथिली भाषा की मिठास से भली भांति अवगत हूँ। अब इस मिठास में मधुर संगीत और हरिहरन जी की आवाज़ मिल जाये तो क्या बात हो? “आइब गेलियौ परदेस गे मै रहबौ कोनाक तोरा बिन”। ये गाना सुनेंगे तो आपको […]