मिलिए बिहार की रहने वाली 93 साल की गोदावरी दत्ता से….जिन्हें मिथिला पेंटिंग की शिल्पगुरु माना जाता है। 93 साल की गोदावरी दत्ता बिहार के मधुबनी जिले में रहती हैं और उन्होंने मिथिला पेंटिग को एक संभाग से निकालकर देश-दुनिया में पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है। वो बीते पांच दशक से मिथिला पेंटिंग पर […]
आज मधुबनी पेंटिंग भारतीय आदिवासी और लोक कला का प्रतीक है। जबसे मधुबनी पेंटिंग गांव के घरों की दीवारों से निकलकर कागज पर बनने लगीं तब से यह मुख्यधारा में काफी प्रचलित हुई। क्योंकि कागज एक जगह से दूसरी जगह आसानी से जा सकते थे। कागजों पर बनी मधुबनी पेंटिंग लोगों का ध्यान अपनी और […]
बिहार मतलब एक ऐसा राज्य जो की अपनी कला और शिल्प से समृद्ध है, जो इस तथ्य से काफी स्पष्ट है कि यह भारत के कई सारे पहले चित्रों का घर है। जिसमें प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग का नाम सबसे पहले आता है। बिहार के जितवापुर गाँव में जन्म हुईं बौआ देवी ने एक उम्र-पुरानी परंपरा […]
दुनिया भर में प्रचलित मधुबनी चित्रकला और सुजनी कला की बेजोड़ कलाकार और राजनगर प्रखंड के अंतर्गत आने वाली रांटी गांव निवासी दिवंगत कर्पूरी देवी का अंतिम संस्कार उन्हीं के गांव में हुआ । वे लंबे समय से बीमार चल रही थीं पर अंततः प्रकृति से द्वंद हार गईं और काल के गाल में समा […]