कलीम आजिज़

तुम क़त्ल करो हो कि करामात करो हो | एक कविता बिहार से

कहते हैं, "दिल से जो बात निकली ग़ज़ल हो गयी"। सही मायने में ये वो कलमकार थे जिन्होंने दिल की बात कही और कुछ ऐसे कही कि हर पढ़ने वाले के दिल तक पहुँचे।  कलीम आजिज़ उर्फ़ कलीम अहमद का जन्म 11 अक्टूबर 1924 को तेलहाड़...