चमकी बुखार,Chamki बुखार, Acute Encephalitis Syndrome, AES,, Bihar, Muzaffarpur

मुज़फ़्फ़रपुर के काले अध्याय में उम्मीद की किरण बने ये लोग

अहमद फ़राज़ का एक बड़ा ही माकूल शेर है, "शिकवा-ए-ज़ुल्मते शब से तो कहीं बेहतर था  अपने हिस्से की कोई शम्मा जलाते जाते" जून की शुरुआत में बिहार को एक ऐसी अँधेरी रात ने अपने आगोश में लिया जिसकी वजह कितने ही घरों क...