नेहा नूपुर

तुम्हें मनकों से हार बनाना है | एक कविता बिहार से

‘एक कविता बिहार से’ के सफर की शुरुआत को दो महीने हो गये| इस सफ़र में आपका जो साथ मिला, सराहनीय रहा| जैसा कि हमने निर्णय लिया था, आखिरी पोस्ट मेरी, यानि आपके होस्ट की, अर्थात् नेहा नूपुर की होगी; उसी वादे को पू...