बिहार की दुर्गा पूजा, Bihar, Durga Puja

घर से दूर रह रहे बिहारी को जब याद आयी बिहार की दुर्गा पूजा

दुर्गा पूजा में घर से बाहर हूँ, बड़ा अजीब लग रहा है। सुबह सुबह नींद खुलता था धूप और हुमाद के महक से और दिन भर दुर्गा सप्तशती का पाठ चालू रहता था घर में साथ में शंख, घंटी और बगल वाला पंडाल से लखबीर सिंह लक्खा का...
दुर्गा पूजा

हे अम्बिके, सुनु प्रार्थना, जगदम्बिके, सुनु प्रार्थना | एक कविता बिहार से

दुर्गा पूजा के शुभ मौके पर माँ दुर्गा की प्रार्थना में एक कविता प्रस्तुत है| कविता की भाषा मैथिलि है तथा कवि हैं पंडित श्री भोला झा ‘विमल’ जी| ‘विमल’ जी बिहार के मधुबनी जिला के चिकना नामक ग्राम से हैं| संस्कृत ...