HomeBiharमहिलाओं और पुरुषों के बीच बराबरी लाने का संवाद रहा “प्यार में वार नहीं” Mayank Jha Bihar, Campaign Share Pin ऑनलाइन चला #MeToo मूवमेंट हो या हमारे समाज में औरतों के लिए मुश्किलें या जेंडर भेदभाव, इन सारे मुद्दों पे विस्तार से चर्चा हुई “ऑक्सफेम इंडिया” और “पटनाबीट्स” द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित युवा संवाद, “प्यार में वार नहीं” में। इस कार्यक्रम का आयोजन कंकड़बाग स्थित “वर्क स्टूडियो” में हुआ। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महिलाओं के ऊपर होने वाली हिंसा, उनके साथ होने वाले भेदभाव एवं उनकी रोज़मर्रा की परेशानियों पर चर्चा की गयी। कार्यक्रम की शुरुआत ऑक्सफेम इंडिया की बिहार की प्रोग्राम ऑफिसर( जेंडर जस्टिस) सुष्मिता ने कहा कि इस कार्यक्रम में हम पटना की युवा पीढ़ी से मिलकर लड़कियों/महिलाओं पर लगने वाली पाबंदियों से लेकर औरतों के साथ रोज़मर्रा के जीवन में होने वाले भेदभाव पर चर्चा करेंगे। Share Pin इसके बाद पटनाबीट्स के फाउंडर बश्शार हबीबुल्लाह ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए कहा, “जैसा कि मशहूर शेर है कि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी, तो दूर तक पहुंचने के लिए बात निकलनी ज़रूरी है और इसी बात को निकालने की पहल हमने करने की कोशिश की है। इस युवा संवाद के ज़रिये हमारी यही कोशिश है कि नई पीढ़ी इस गंभीर मुद्दे पर चर्चा करे और जाने कि चूक कहाँ हो जा रही है जो आज भी महिलाओं को घर से बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ता है। हम शुक्रगुज़ार हैं कि ऑक्सफेम इंडिया ने हमें इस आयोजन के साथ जुड़ने का मौका दिया।” Share Pin Share Pin भेदभाव, घरेलु हिंसा एवं ‘मी टू’ जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा शुरू हुई जिसमे आयोजन में प्रस्तुत युवाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सभी ने अपने अपने विचार पेश किये, कुछ ने महिलाओं के खिलाफ रोज़मर्रा के हिंसा एवं छेड़-छाड़ की घटना के खिलाफ प्रखर आवाज़ उठाई तो कुछ ने रक्षात्मक मुद्रा में अपने विचार रखे। कुछ लोगों ने अपने सुझाव पेश किये कि इन समस्याओं से निपटने के लिए कैसे हमें कानून सुधार एवं अन्य चीज़ों की आवश्यकता है। Share Pin कार्यक्रम की संयोजिका, ऑक्सफैम इंडिया की सुष्मिता और “पटना शॉर्ट्स” की सोनम, ने इस पुरे संवाद का विषयवस्तु स्थापित किया। सोनम ने ‘मी टू’ मूवमेंट जानकारी देते हुए बताया कि कैसे ये हॉलीवुड से शुरू हुआ और इस मूवमेंट के बारे में मौजूद लोगों से उनके विचार मांगे। समरीन ने ‘मी टू’ मुद्दे पे कहा कि “लोगों की काफी अलग अलग राय रही ‘मी टू’ मुद्दे को लेकर, काफी इसके पक्षधर दिखे तो कइयों ने इसकी कमियां गिनाईं। मेरा ये कहना है कि कुछ मुद्दे ज़रूर आये जिसमें लोगों को ‘मी टू’ का गलत फायदा उठाते हुए देखा गया मगर चंद लोगों की वजह से पूरे आंदोलन, जिसकी वजह से काफी हद तक लड़कियों और औरतों प्रताड़ित करने वालों में एक भय कायम हुआ, को गलत नहीं कह सकते।” Share Pin प्रेरणा प्रताप ने काफी मुखर होकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने कहा, ” ‘मी टू’ का कोई जेंडर नहीं होता और जो लोग कह रहे हैं कि जैसे ‘मी टू’ शुरू हुआ वैसे ही पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव एवं प्रताड़ना के लिए “ही टू” की शुरुआत होनी चाहिए उन लोगों को समझना चाहिए कि जिस प्रकार से महिलाओं पर अत्याचार हुए हैं और हो रहे हैं, उस हद तक शायद पुरुषों ने सोचा भी न हो। पुरुष भी अपनी बात रखने के लिए बेझिझक होकर ‘मी टू’ का सहारा बेशक लें। हालत ऐसी हो गयी है कि कुछ जगहें औरतों एवं लड़कियों वर्जित सी हो गई हैं वो भी इसलिए नहीं क्यूंकि वहां कोई प्रवेश वर्जित का बोर्ड लगा है बल्कि असामाजिक तत्व की करतूतों की वजह से वो वहां सुरक्षित नहीं है।” Share Pin Share Pin फ़रोग़ आज़मी ने कहा, “जैसे हर लड़की ने अपनी जीवन में कभी न कभी यौन उत्पीड़न का सामना किया है, वैसे ही हर लड़के ने अपने जीवन में, चाहे जाने या अनजाने में, किसी न किसी को प्रताड़ित किया है। अगर आपके आस-पास ऐसी चीज़ें हो रही हैं और आप मौन होकर सब देख रहे हैं तो आप भी उतने ही जवाबदेह हैं जितना कि प्रताड़ित करने वाला। आप अपने आस-पास ऐसी किसी घटना को न होने दें एवं इसका पुरज़ोर विरोध करें।” Share Pin पूजा कौशिक ने कहा, ” पुरानी पीढ़ी जैसी थी अब शायद उनको बदलना मुश्किल हो इसलिए हमें नई पीढ़ी और युवा पीढ़ी के साथ बदलाव की बयार को आगे बढ़ाना होगा।” वर्तिका प्रियदर्शिनी ने कहा, “भेदभाव की शुरुआत हमारे घर से ही शुरू हो जाती है जब हम छोटे होते हैं, इसलिए हमें बदलाव की शुरुआत घर से ही करनी चाहिए।” वर्क स्टूडियो के आलोक ने कहा, “अब तक हमें ठीक से पता ही नहीं है कि जो हम कर रहे हैं वो गलत है। इसी लिए पहले हमें लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है कि जो हम रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आम समझते हैं वो शायद किसी महिला या लड़की के लिए परेशानी का सबब बन सकती है।” Share Pin अपने धन्यवाद प्रस्ताव में सुष्मिता ने बताया कि इन सारी समस्याओं का उपाय युवाओं में और खास कर के लड़को और मर्दों में जेंडर सेंसिटिविटी को बढ़ावा देना है और उनका संस्थान इन लक्ष्यों के साथ कई तरह के वर्कशॉप्स और एक्टिविटी आयोजन कराते आ रहा है। इन ज्वलंत मुद्दों पर एक उपयोगी और शिक्षाप्रद बहस के बाद पटना के युवा गायकों ने अपनी परफॉरमेंस से लोगों का मनोरंजन किया। Do you like the article? Or have an interesting story to share? Please write to us at [email protected], or connect with us on Facebook and Twitter. Quote of the day:“A woman is human. She is not better, wiser, stronger, more intelligent, more creative, or more responsible than a man. Likewise, she is never less.Equality is a given. A woman is human.” ― Vera Nazarian Share Tweet Share Pin Comments comments