आलम खुर्शीद साहब, आरा से सम्बन्ध रखते हैं और उर्दू के बड़े शायरों में देश-विदेश में जाने जाये जाते हैं| शानदार गज़ल तो लिखते ही हैं, इनकी कई किताबें भी आ चुकी हैं| लेकिन इससे इतर यह कविता उन्होंने खास तौर से भेंट की है पटनाबीट्स को| जैसा कि आप जानते हैं इस पूरे महीने हमने मनाया देश की आजादी का जश्न- “अगस्त का महीना आज़ादी का महीना”|
पटनाबीट्स पर ‘एक कविता बिहार से’ की इस कड़ी में देश की शान में बिहार और बिहारियों के स्थान को सुनिश्चित करती यह कविता आज आपके सामने प्रस्तुत है| खुर्शीद साहब की अन्य गज़लों का लुत्फ़ उठाना हो तो हमारी पेशकश ‘एक आवाज़ में आवाज़ मिलाते हुए लोग’ पर भी पढ़ सकते हैं|
बिहार गीत
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
सीधी-सादी बोली अपनी, सीधे-सादे लोग,
लालच, झूठ और मक्कारी के हमको नहीं हैं रोग|
अपने अंदर जिन्दा रक्खा है हमने इंसान,
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
विक्रमशिला, बोधगया, नालंदा हैं इतिहास,
जीरो, दशमलव जैसे तोहफे अपनी हैं मीरास|
सदियों से हम बाँट रहे हैं दुनिया को हर ज्ञान,
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
सूफी-संतों ने मिल-जुल के रहना हमें सिखाया,
प्यार-मुहब्बत, सत्य अहिंसा अपना है सरमाया|
हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब का यहाँ सम्मान,
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
हर मुश्किल में देश की खातिर हमने दी कुर्बानी,
नहीं चली है, नहीं चलेगी यहाँ कोई मनमानी|
हम जागे तो जाग उठा है सारा हिन्दुस्तान,
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
आओ! हम सब मिल के बनायें ऐसा एक बिहार,
जे.पी., मज़हर, कर्पूरी के सपने हों साकार|
अपनी तरक्की देख के सारी दुनिया हो हैरान,
हम हैं बिहारी, सारे जग में हम भारत की शान,
मेहनत अपना दीन धरम है, मेहनत है ईमान||
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