
मसान की चर्चा करते हुए श्री घेवन ने कहा कि फिल्म में स्क्रीप्ट सर्वोपरि है। इससे उपर कुछ भी नहीं है। मैं भी इसका गुलाम हूं। इसलिए मैं अपने फिल्म केे स्टार से स्क्रीप्ट के अनुसार किरदार की उम्मीद करता हूं। अच्छी फिल्मों के लिए बहुत ही ईमानदारी से लिखी कहानी के अलावा बांकी के भी में ईमानदारी की जरूरत होती है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कॉमर्सियल और समानांनतर फिल्मों का दायरा अब सिमट रहा है। अच्छी कहानी पर बनी फिल्में ही अब लोगों को पसंद आ रही है। वहीं, फिल्म मसान के अभिनेता संजय मिश्रा ने कहा कि बिहार में फिल्म संस्कृति विकसित करने के लिए यहां फिल्मों का माहौल बनाना पड़ेगा। ऐसा नहीं कि बिहार पर सिनेमा नहीं बन रही है। लेकिन हमें ये समझना होगा कि सिनेमा बिहार पर बनी या फिर शूटिंग से लेकर रीलीज तक की पूरी प्रक्रिया बिहार में हो। उन्होंने कहा कि मुझेे अब आश्चर्य होता है कि अधिकतर फिल्में अब मुंबई से शूट की जा रही हैं। श्री मिश्रा ने मसान के बारे में कहा कि ये सिर्फ मेरे लिए बस पिक्चर भर नहीं थी। क्योंकि जब कोई बांसुरी वाला दिल से कोई धुन निकाल रहा होता है, तभी वह दूसरों तक पहुंचता है। इस फिल्म को करते वक्त यही मेरी सोच थी। क्यों एक कलाकार के रूप में आप अगर खुद से न्याय नहीं करेंगे तो दुनियां आपको क्यों मानेगी।


भोजपुरी संगीतकार और निर्देशक रजनीश मिश्रा ने कहा कि पटना में अपनों के बीच अपनी भावना व्यक्त करने का अनुभव काफी सुखद है। इसके लिए बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम और कला संस्कृति विभाग का आभार। भोजुपरी गानों को लेकर उन्होंने कहा कि जैसी भावना, जैसी सोच लोगों ही होती है, गाने भी वैसे ही पसंद किए जाते हैं। भोजपुरी फिल्मों में आठ से दस गाने तकरीबन फिल्माये जाते हैं, मगर लोगों को पसंद आइटम नंबर ही आता है। रोमांटिक और सिचुएशनल गाने लोगों को कम पसंद आते हैं। शादी, पार्टी, क्लब जैसे गानों के सार्वजनिक मंचों पर नाचने वाले गीत की पसंद किए जाते हैं। एक दौर था जब गानों के अलबम की सीडी या कैसेट्स होते थे। तब लोग मजबूरी में सभी गाने सुना भी करते थे, मगर अब ऐसा नहीं है। लोग ऐसे ही गाने आज अपने कलेक्शन में रखते हैं जो नाचने – गाने जैसा हो।

फिल्म फेस्टिवल में तीसरे स्क्रीन पर परशॉर्ट एवं डॉक्यमेंट्री फिल्मों भी दिखाई गई। अंत में सभी अतिथियों को बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम के एमडी गंगा कुमार ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस दौरान बिहार राज्य फिल्म विकास एवं वित्त निगम की विशेष कार्य पदाधिकारी शांति व्रत, अभिनेता विनीत कुमार, फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, फिल्म फेस्टिवल के संयोजक कुमार रविकांत, मीडिया प्रभारी रंजन सिन्हा मौजूद रहे। कल रविंद्र भवन में दोपहर तीन बजे भोजपुरी सुपरस्टार रवि किशन ओपेन हाउस में लोगों से बातचीत करेंगे।
