December 26th marks 95thbirth anniversary of the fiery politician cum freedom fighter post-independence, Tarkeshwari Prasad Sinha who was elected four ...
कहा जाता है कि इंसान की तकलीफ इंसान को महान बनाती है। एक ऐसी ही कहानी है बिहार के कैमूर जिला निवासी राघवेंद्र की।राघवेंद्र कुमार के मित्र की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। बाइक चलाते वक्त उनके मित्र ने हेलमेट नहीं पहना था। दुर्घटना में सिर में चोट आई, जिसके कारण उन्हें बचाया […]
हमारे इतिहास के पन्नों में कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानीयों के नाम है जिनका उल्लेख नही मिलता है। लेकिन उन्होंने देश को आजाद कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। साल 1857 की क्रांति से लगभग 80 साल पहले बिहार के जंगलों से अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ़ जंग छिड़ चुकी थी। इस जंग की चिंगारी खुद […]
भारतीय इतिहास में भारत पर 200 साल राज करने वाला भले ही इंग्लैंड का पुरुष साम्राज्य था। पर भारत के लोगों को अंग्रेजों से आजाद करने में यहां की महिलाओं की भी उतनी ही भूमिका है जितना कि यहां के पुरुषों का। चाहे रानी लक्ष्मीबाई हो, सरोजिनी नायडू हो या सावित्रीबाई फुले। सभी ने क्रूर […]
देश की आज़ादी के लिए न जाने कितने ही महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, और कठिन परिश्रम और मेहनत के बल पे हमारे देश को आज़ादी की रोशनी से रौशन किया, हमारा प्रदेश बिहार ना केवल मोक्ष की धरती है बल्कि कई ऐसे स्वंतत्रता सेनानियों की जननी भी है । उनमें से […]
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिकता जो आज नामशेष होने के अवस्था मे है और कभी भी दम तोड सकता है ।इस स्तंभ की रक्षा में आज भी कुछ पत्रकार जीजान से जुड़े हुए हैं, उनमें से एक हैं बिहार के रवीश कुमार। ∆ बिहार के चंपारण जिले से आते हैं रवीश कुमार। रवीश कुमार का […]