बालिका शिक्षा और रक्तदान का संदेश फैलाती भोजपुरी शार्ट फ़िल्म ‘दान’ Sidharth Shankar एक कविता बिहार से अक्सर ऐसा होता है कि ज़िन्दगी में कुछ ऐसे छोटे छोटे अनुभव होते हैं जो आपको अंदर तक छू जाते हैं। इन अनुभवों का प्रभाव ऐसा होता है कि आप और आपकी सोच मूल रूप से हमेशा के लिए बदल जाती है। एक ऐसा ही अनुभव है राजू उपा...
दुनिया भर तुम! | एक कविता बिहार से Sidharth Shankar Bihar, एक कविता बिहार से हिमांशु का ताल्लुक बिहार के हाजीपुर से है। अपनी स्कूली शिक्षा हाजीपुर और पटना से करने के बाद इनका रुख दिल्ली की तरफ हुआ जहाँ वे अभी दिल्ली यूनिवर्सिटी से English Hons में स्नातक के आखिरी वर्ष में हैं। जैसा कि आ...
Anaarkali of Aarah: नारी शक्ति का तांडव | एक फिल्म समीक्षा Sidharth Shankar एक कविता बिहार से "अनारकली ऑफ़ आरा", इस फिल्म का इंतज़ार तब से ही था जब से इसका नाम पहली बार सुना था और इस लंबे इंतज़ार के बाद इस फिल्म को देख कर वैसी ही संतुष्टि हुई जैसी कि गर्मी से अकुलाई धरती पहली बारिश के बाद महसूस करती होगी। ...
बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल से लौटेगा बिहार का सांस्कृतिक गौरव PatnaBeats एक कविता बिहार से लोकरूचि-फेस्टिबल सांस्कृतिक गौरव फेस्टिबल से लौटेगा बिहार का सांस्कृतिक गौरव :गंगा कुमार पटना 15 फरवरी 2017 : बोधिसत्त्व इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (बीआईएफएफ) 2017 के चेयरमैन गंगा कुमार का कहना है क...
सुकून की तलाश | एक कविता बिहार से Satyam Kumar Jha Bihar, एक कविता बिहार से शाम्भवी सिंह का जन्म बिहार के पटना जिले में हुआ है । मूलतः ये नवादा जिले की है लेकिन उनकी प्रारंभिक पढ़ाई लिखाई देवघर में हुई। इन्होंने एनएसएचएम कोलकाता से पत्रकारिता में बीए किया । तत्पश्चात महात्मा गांधी काशी...
ये छठ जरूरी है | एक कविता बिहार से Satyam Kumar Jha Bihar, एक कविता बिहार से कुमार रजत दैनिक जागरण पटना में डिप्टी चीफ सब एडिटर हैं। पत्रकार होने के साथ खूब कविताएं भी लिखते हैं। अपनी पत्रकारिता में ये पटना शहर के जड़ को ढूंढते रहते हैं। मसलन “हर घर कुछ कहता है” और इसी तरह कई रचनात्...
इतिहास के पन्नों में बनता बदलता पटना | निवेदिता शकील की ज़ुबानी PatnaBeats एक कविता बिहार से पाटलिपुत्र से अज़ीमाबाद से पटना तक के सफर में ये शहर कितने ही बदलावों, आंदोलनों, विचारधाराओं और कला एवं संस्कृति का गढ़ रहा है। अतीत से अब तक के इस सफर और इस सफर के तमाम पड़ावों की तस्वीर निवेदिता शकील शब्दों के ज़...
दिनकर है जीवित स्मृति, पर प्रेरणा लेता कौन है । एक कविता बिहार से Satyam Kumar Jha एक कविता बिहार से डीआईजी विकास वैभव 2003 बैच के बिहार कैडर से IPS अफसर हैं। वे आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट हैं। एनआईए में रहते हुए IPS विकास वैभव कई आतंकी वारदातों की गुत्थियां सुलझा चुके हैं।भागलपुर रेंज के डीआईजी...
चमत्कार है इस माटी में इस माटी का तिलक लगाओ | एक कविता बिहार से Satyam Kumar Jha Bihar, एक कविता बिहार से बाबा नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे। उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था परंतु हिन्दी साहित्य में उन्होंने नागार्जुन तथा मैथिली में यात्री उपनाम से रचनाएँ कीं। बाबा नागार्जुन बचपन से ही घुमक्क...
उसे भी देख, जो भीतर भरा अंगार है साथी | एक कविता बिहार से Preeti Parashar Bihar, एक कविता बिहार से उसे भी देख, जो भीतर भरा अंगार है साथी। सियाही देखता है, देखता है तू अन्धेरे को, किरण को घेर कर छाये हुए विकराल घेरे को। उसे भी देख, जो इस बाहरी तम को बहा सकती, दबी तेरे लहू में रौशनी की धार है साथी।...
Kids – Men – Legendary Bihari! Sidharth Shankar एक कविता बिहार से Nishi Singh, Preeti Patel, Santshree Sinha Following the viral trend of "Kids, Men and Legends", we have come up with something relatable to us Biharis. Since Biharis are synonymous with legends. it's "Kids, Me...
#MyStory | I resigned from a lucrative job and started working for a rural school PatnaBeats एक कविता बिहार से I am Satwik Mishra. I hail from Purnea, Bihar. I hold a B.Tech degree from VIT University, Vellore, and a DEBM degree from EDI, India. When I resigned from a lucrative job, the sole motive was to find my life’s...
गाँव की लड़कियाँ | एक कविता बिहार से Ashutosh Kashyap Bihar, एक कविता बिहार से संजय कुमार शांडिल्य की कविता संग्रह ‘आवाज भी देह है’ को बोधि प्रकाशन ने प्रकाशित किया तथा उन्हें जयपुर में दीपक अरोड़ा स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। संजय औरंगाबाद दाउदनगर महाविद्यालय से सेवारत अध्यापक एस...
छूटे न अबकी छठ के बरतिया | एक कविता बिहार से Neha Nupur Bihar, एक कविता बिहार से गोबर से, मिट्टी से, लीपा हुआ घर-दुआर नया धान, कूद फाँद, गुद-गुद टटका पुआर छठ मने ठेकुआ, सिंघारा-मखाना छठ मने शारदा सिन्हा जी का गाना बच्चों की रजाई में भूत की कहानी देर राह तक बतियाती माँ, मौसी, मामी व्रत...
मैं तेरे इश्क़ में सरमाया-दार बन के रहा | एक कविता बिहार से Neha Nupur Bihar, एक कविता बिहार से हवा के होंट खुलें साअत-ए-कलाम तो आए, ये रेत जैसा बदन आँधियों के काम तो आए| बिहार के बेगुसराय में 1 जुलाई 1981 ई० को जन्में ग़ालिब अयाज़ जी जीविका के सिलसिले में दिल्ली में निवासित हैं| जीवन के मीठे औ...