Neha Nupur has been interested in Music and Poetries since her childhood. She completed her initial education from Tagore Academy and started writing poems. She loves to read poetries and listen classical music.
गोबर से, मिट्टी से, लीपा हुआ घर-दुआर नया धान, कूद फाँद, गुद-गुद टटका पुआर छठ मने ठेकुआ, सिंघारा-मखाना छठ मने शारदा सिन्हा जी का गाना बच्चों की रजाई में भूत की कहानी देर राह तक बतियाती माँ, मौसी, मामी व्रत नहीं, छठ मने हमरे लिए तो व्रत खोल पान खाके हँसती हुई नानी छठ मने […]
हवा के होंट खुलें साअत-ए-कलाम तो आए, ये रेत जैसा बदन आँधियों के काम तो आए| बिहार के बेगुसराय में 1 जुलाई 1981 ई० को जन्में ग़ालिब अयाज़ जी जीविका के सिलसिले में दिल्ली में निवासित हैं| जीवन के मीठे और कटु अनुभवों को बहुत ही खूबसूरती से बयाँ करते हैं| कॉलेज के जमाने […]
दिवाली आ गयी है| पटाखे और खिलौने ख़रीदे जा रहे हैं| लक्ष्मी-गणेश पूजन की तैयारियाँ चल रही हैं| समाज में भिन्न-भिन्न तबके के लोग हैं| कुछ लोग इस दिन जुआ खेलने का आनंद लेते हैं वहीं इसी समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके पास पूजा के लिए भी धन उपलब्ध नहीं है| […]
सीना तो ढूँढ लिया मुत्तसिल अपना हम ने, नहीं मालूम दिया किस को दिल अपना हम ने| दर ग़रीबी न था कुछ और मयस्सर ‘हसरत’, इश्क़ की नज्र किया दीन ओ दिल अपना हम ने| “दौर कोई भी हो, इश्क़ की तासीर वही होती है”, नज्में इस बात का पुख्ता सबूत है| पुराने शायरों-कवियों ने […]
गौतम वसिष्ठ जी कर्नाटक में रहते हैं| मुख्यतः बिहार से हैं, यहीं पले-बढ़े| लखीसराय जिले के बल्गुदार गाँव में इनका जन्म हुआ| हिंदी, इंग्लिश और रसियन साहित्य पर पकड़ रखते हैं और इन तीनों ही भाषाओं में कविता लिखना पसंद करते हैं| ये थिएटर आर्टिस्ट भी हैं और विश्वविद्यालय स्तर पर कविता से जुड़े कार्यक्रम […]
शुभकामना संदेश के साथ अपनी रचना हमें सौंपी है सुजाता प्रसाद जी ने| महिलाओं के साथ अच्छी बात यह होती है कि इनके दो-दो घर हो सकते हैं| इसी तर्ज़ पर श्रीमती सुजाता जी का भी मायका दरभंगा, बिहार में है और ससुराल बीरगंज, नेपाल में| दिल्ली में निवासित हैं और पेशे से शिक्षिका हैं| […]
यह सच है, बॉलीवुड का एक युग संगीतकारों और गीतकारों के नाम रहा है| यह भी उतना ही सच है कि नये युग के गीत की तुलना हमेशा पुराने युग से की जाती रही है| नये कलमकारों में बहुत कम ऐसे हैं जिनकी कलम में प्राकृतिक निकटता, मधुरता और सच्चाई की झलक तो है ही […]
कुछ बात है ऐसी जो कही ही नहीं जाती, छुप बैठी है आँखों में नमी ही नहीं जाती| ख़ामोश रह, इज़हार न कर अपने ग़मों का, फ़रियाद ग़रीबों की सुनी ही नहीं जाती| ये पंक्तियाँ लिखीं हैं संजय कुमार कुंदन जी ने| श्री कुंदन जी ‘जन शिक्षा बिहार’ के उप निदेशक का पद संभाल चुके […]
कहते हैं, “दिल से जो बात निकली ग़ज़ल हो गयी”। सही मायने में ये वो कलमकार थे जिन्होंने दिल की बात कही और कुछ ऐसे कही कि हर पढ़ने वाले के दिल तक पहुँचे। कलीम आजिज़ उर्फ़ कलीम अहमद का जन्म 11 अक्टूबर 1924 को तेलहाड़ा, पटना में हुआ। पटना विश्वविद्यालय से पीएचडी हुई और […]
हर बुराई का नाश होना सुनिश्चित है ताकि अच्छाई की जय-जयकार हो सके| इसी धारणा को सम्पूर्ण करती है भगवान् राम की रावण पर मिली जीत| इस जीत की ख़ुशी में दशहरा का त्यौहार मनाया जाता है| रावण का दहन किया जाता है तथा प्रभु राम की स्तुति की जाती है| पटनाबीट्स के ‘एक कविता […]
दुर्गा पूजा के शुभ मौके पर माँ दुर्गा की प्रार्थना में एक कविता प्रस्तुत है| कविता की भाषा मैथिलि है तथा कवि हैं पंडित श्री भोला झा ‘विमल’ जी| ‘विमल’ जी बिहार के मधुबनी जिला के चिकना नामक ग्राम से हैं| संस्कृत से आचार्य की उपाधि से विभूषित इस कवि की आज की कविता माँ […]
गढ़ दी गयी कविताएँ स्त्री के भूगोल पर, चर्चाएँ आँख, कमर वक्ष पर खूब की गयी| स्त्री का इतिहास भी अछूता नहीं रहा, देवी से लेकर दास तक की गाथा खूब लिखी गयी| मनोविज्ञान भी स्त्री का खूब समझा गया, त्याग, करुणा, समर्पण तो कभी इर्ष्या लोभ और षड्यंत्र से सजायी गयी| समाजिक रिश्तों में […]
शाहंशाह आलम जी यूँ तो बिहार विधान परिषद् में नौकरी करते हैं, लेकिन कविताओं और कविताओं से समबन्धित हर क्रियाकलाप में रुचि रखते हैं| इनकी विभिन्न किताबों पर दी गयी टिपण्णी (समीक्षा) भी काफी पसंद की जाती है| अक्सर अपनी रचनाओं के जरिये पत्र-पत्रिकाओं में जगह पाते रहते हैं| कला जगत में गहरी रुचि रखने वाले […]
2 अक्टूबर है आज, भारत का एक और राष्ट्रीय पर्व, जो मनाया जाता है बापू के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में| आज देश के दूसरे तथा सफलतम प्रधानमंत्रियों में से एक श्री लाल बहादूर शास्त्री जी का भी जन्मदिवस है| पटनाबीट्स इन दोनों महात्माओं का नमन करता है| आज ‘एक कविता बिहार से’ की पेशकश देश […]
महीने की आख़िरी कविता तक का सफ़र तय कर चुके हैं हम और नियम के अनुसार आज की कविता नेहा नूपुर की तरफ से होगी| पटनाबीट्स के एक कविता बिहार से में इनकी पुस्तक ‘जीवन के नूपुर’ से एक भोजपुरी कविता आज आपके सामने प्रस्तुत हो रही है| कविता का विषय ऐसे अप्रवासी बिहारियों के लिए एक संदेश […]