Mayank Jha is a 20 something years old content writer and an English major. A writer by day and reader by night, he is loathe to discuss about himself but can be persuaded to do so from time to time.
हर साल की भांति इस साल भी नितिन चंद्रा अपने यूट्यूब चैनल ‘बेजोड़’ पर एक छठ गीत लेकर आए हैं। पिछले तीन वर्षों से हर बार वह छठ के अवसर पर एक गीत रिलीज़ करते हैं और इस बार भी उन्होंने अपने छठ गीत का चौथा संस्करण पेश किया है। इस बार के छठ संस्करण […]
बिहार के लोग देश-विदेश में अपनी मेहनत की बदौलत सफलता का परचम लहराते रहे हैं। चाहे वह सिनेमा हो, साहित्य, राजनीति या अन्य कोई भी क्षेत्र हो, बिहारी अपनी मौजूदगी दर्ज कराने को हमेशा तत्पर रहते हैं। बॉलीवुड की बात करें तो पंकज त्रिपाठी, मनोज बाजपेई, संजय मिश्रा जैसे सदाबहार अभिनेताओं के साथ साथ बिहार […]
प्राची मूल रूप से समस्तीपुर की हैं और कुछ सालों से दिल्ली में रह रही हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद फिलहाल प्राची वहीं से हिन्दी पत्रकारिता में स्नातकोत्तर कर रही हैं। विश्वविद्यालय स्तर पर वह हमेशा से ही क्रिएटिव राइटिंग क्लबों से जुड़ी रही हैं और अपनी लेखनी से अपनी मौजूदगी का […]
बिहार और गीत संगीत का रिश्ता काफ़ी पुराना रहा है, मगर हाल के वर्षों में अश्लील और फूहड़ भोजपुरी गानों की वजह से बिहार की छवि काफ़ी धूमिल हुई है। लोगों के दिमाग में बिहारी गानों का मतलब सिर्फ़ घटिया गाने हैं जिनका बिहार की संस्कृति और साहित्य से कोई वास्ता नहीं है। मगर भोजपुरी […]
कविताएं ज़िन्दगी का सारांश लिखने का सबसे अच्छा माध्यम है और शायद इसीलिए कविताओं की यह खासियत होती है कि बड़े से बड़े घटनाक्रम को चंद पंक्तियों में बयान कर देती हैं। ‘भाषा’, उन्हीं कविताओं को किसी खास जगह से जोड़ने का काम करती हैं। वैश्विक भाषाओं में अवश्य ही कविताएं ज़्यादा पढ़ी जाती हों […]
गौरैया का हमारे समाज में बेहद अहम स्थान रहा है। हमारे रोशनदानों, आँगन के झरोखों से होते हुए कब गौरैया ने हमारे किस्से कविताओं का हिस्सा हो गई हमें पता भी नहीं चला। आज विश्व गौरैया दिवस है और यह बताने की ज़रूरत नहीं की इंसान की सबसे पुराने साथियों में से एक, गौरैया की […]
राजेश कमल का जन्म सहरसा में हुआ और फ़िलहाल पटना में रहते हैं। समाज से काफ़ी जुड़े होने के कारण उनकी कविताओं में प्रेम, समाज, देश, राजनीति के मानवीय भावनाओं का समावेश दिखता है। समकालीन परिस्थितियों को राजेश शब्दों में घोल कर अपनी कविताओं में प्रस्तुत करते हैं। प्रस्तुत कविता में राजेश ज़िन्दगी की आपाधापी […]