आर्थिक तंगी के चलते नहीं रूकेगी शादी, 51 जोड़े लेंगे एक साथ फेरे

एक पिता के लिए अपनी बेटी की शादी करना बहुत बड़ा सपना होता है लेकिन कई बार पैसे के अभाव में वे या तो उनकी बेटी की शादी टूट जाती है या शादी में काफी अड़चने आती हैं। ऐसे ही आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों लिए खास अवसर है एक विवाह ऐसा भी कार्यक्रम। इसके तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर 51 जोड़ों का विवाह एक मंडप में एक साथ होता है। बैंड-बाजे के साथ 51 दूल्हों की बारात निकाली जाती और फिर सभी लड़का-लड़की फेरे लेकर परिणय सूत्र में बंध जाते हैं। मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से पिछले 6 सालों से हर वर्ष श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में जुलाई महीने में सामूहिक विवाह कराया जाता है। विवाह में होने वाले सारे खर्च समिति की ओर से किये जाते हैं। वर व वधु पक्ष को कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ता।

 

आगलगी के कारण कई लड़कियों की शादी टूटने की खबर के बाद शुरू हुआ कार्यक्रम-

मां वैष्णो देवी सेवा समिति के प्रमुख मुकेश हिसारिया बताते हैं कि 2009 में दैनिक हिंदुस्तान अखबार में एक खबर छपी थी जिसमे बताया कि गया था आगलगी की घटना के कारण कुछ परिवारों का सारा सामान जल गया था और उस दौरान उनकी बेटियों की शादी थी। इस वजह से
उनकी बेटियों की शादी टूटने के कगार पर आ गयी थी। तब हमने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर मां वैष्णो देवी सेवा समिति संस्था के तहत उन परिवारों की बेटियों की शादी का खर्च उठाने की ठानी और तब से हमने तय किया कि हम हर साल ऐसे आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार के लड़के और लड़कियों की शादी अपने खर्चें पर करवाएंगे और तब से ही हमारे कार्यक्रम एक विवाह ऐसा भी की शुरुआत हुई। हमने 2010 से 2015 तक लगातार 6 वर्ष शादियां कराई, इस बार हम सातवीं बार एक विवाह ऐसा भी कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं।

निःशुल्क होता है रजिस्ट्रेशन-

अगर कोई भी ऐसा आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवार है जिन्होंने अपने बेटियों की शादी तय कर दी है या उन्होंने अपने बेटियों के लिए दूल्हा देख लिया है लेकिन पैसे के अभाव में उनकी शादी नहीं हो पा रही है तो वे हम से निःशुल्क फार्म ले कर 10 जून तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रस्ट्रिेशन कराने वाले ये ज़रूर ध्यान रखें कि वर की उम्र कम से कम 21 वर्ष और वधु की उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए। इससे संबंधित प्रमाण-पत्र भी लिया जाएगा।

 

11 से 21 जून के बीच अंतिम सहमति के लिए बुलाया जाएगा वर-वधु और उनके परिवार को-

10 जून को एक विवाह ऐसा भी के लिए रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद 11 से 25 जून के बीच विभिन्न इलाकों से चयनित जोड़ों को पटना बुलाया जाएगा और वहां उनसे शादी के लिए अंतिम सहमति ली जाएगी। इस दौरान वर और वधु के परिवार वालों से पूछा जाएगा कि दोनों पक्ष यह शादी आपसी सहमति से कर रहे हैं वहीं वर-वधु की भी सहमति ली जाएगी। अंतिम चयन के बाद 51 वरों को सूट पीस और 51 वधुओं को शगुन की साड़ी दी जाएगी।

 

10 जुलाई को 10-10 रिश्तेदारों के साथ महाराण प्रताप भवन में पहुंचेंगे 51 जोड़े- 

अंतिम चयन के बाद 10 जुलाई को 51 जोड़ों को पटना के महाराणा प्रताभ भवन बुलाया जाएगा। यहां वर और वधु अपने 10-10 रिश्तेदारों के साथ आएंगे। यहीं से शादी के दिन की सारी रस्में पूरी कर शाम 4 बजे एक साथ 51 दूल्हों की बारात निकाली जाएगी। इस दौरान यहां पर उनके लिए सुबह का नाश्ता, दोपहर का खाना व शादी की रस्मों के लिए अन्य इंतजाम मां बैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से किए जाएंगे।

 

श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में होगी शादी-

महाराणा प्रताप से घोड़ों पर सवार होकर 51 दूल्हों की बारात श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचेगी। यहां शादी के लिए मंडप, जयमाला और अन्य कार्यक्रमों के लिए स्टेज भी बनाया जाएगा। यहां पर एक साथ 51 जोड़ों शादी के पवित्र बंधन में बधेंगे। इसके बाद यहां नवविवाहित जोड़ों के लिए रिसेप्शन का भी इंतजाम किया जाएगा।

नवविवाहित जोड़ों को दिया जाएगा खास उपहार

शादी के बाद नवविवाहित जोड़ों को मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से बतौर उपहार एक साइकिल, एक सिलाई मशीन और एक सेट बर्तन और 15 दिन का राशन भी दिया जाएगा। इस उपहार को देने का हमारा उद्देश्य यह है कि साइकिल से पति कमाने जाए और सिलाई मशीन से पत्नी घर पर कुछ काम कर सके। वहीं बर्तन सेट और 15 दिनों का राशन इसलिए दिया जाता है कि नवविवाहित जोड़ा खाना खा सके।

282 में से 281 शादियां रही हैं सफल-

समिति सिर्फ एक बार सामूहिक विवाह कार्यक्रम कर के जोड़ों की ज़िंदगी की तरफ कोई ध्यान नहीं देती है। समय-समय पर समिति की ओर से विवाहित जोड़ों की सहायता की जाती है। वहीं उनमें किसी तरह का तनाव होने पर उनकी काउंसिलिंग भी की जाती है ताकि उनका दांपत्य जीवन सही तरीके से चल सके। यहीं वजह रही है कि हमने पिछले साल जब सर्वे कराया था तो पाया कि हमने अभी तक इस कार्यक्रम के तहत कुल 282 शादियां करायी हैं जिनमे 281 शादियां सफल रही है सिर्फ एक शादी किसी कारणवश टूट गयी।

 

शादी में शरीक होंगी कई नामचीन हस्तियां-

एक विवाह ऐसा भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हर साल की तरह कई नामचीन हस्तियां भी शरीक होंगी। पिछले कुछ वर्षों में बतौर मुख्य अतिथि बिहार के पूर्व राज्यपाल डॉ डीवाई पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ा चुके हैं। इसके साथ कार्यक्रम में गीत-संगीत की पेशकश के लिए टीवी कलाकारों को भी आमंत्रित किया जाएगा। समारोह के दौरान बिहार के पांच खास व्यक्तियों जिन्होंने अपने काम से देश और दुनिया में नाम कमाया है, उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।

घर बैठे लाइव देख सकेंगे सामूहिक विवाह-

एक विवाह ऐसा भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम में करीब 5000 लोग शरीक होते हैं। वैसे जो लोग घर बैठे भी एक साथ 51 दूल्हों की बारात देखना, एक साथ वर-वधु को माला पहनाते देखना, एक साथ 51 जोड़ों को फेरे लेते देखना चाहते हैं, तो वे समिति की बेवसाइट पर जाकर देख सकते हैं।  पिछले साल श्रद्धा चैनल पर हमारे इस कार्यक्रम को लाइव दिखाया गया था इस बार भी बातचीत चल रही है। संभवतः इस बार भी टीवी पर हमारा कार्यक्रम प्रसारित होगा।

कार्यक्रम में थाइलिसिमिया पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए भी उठायी जाएगी आवाज़-

मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से हर वर्ष एक विवाह ऐसा भी कार्यक्रम के दिन समाज के किसी खास परेशानी को फोकस कर उसके समाधान के लिए आवाज़ उठायी जाती है। इस कार्यक्रम में कई बड़ी हस्तियां शरीक होती हैं इसलिए हम समाज के वैसे कुछ पीड़ित लोगों को अपने इस मंच पर बुलाते हैं ताकि उनको मंच के माध्यम से सरकार या अन्य लोगों द्वारा सहयोग मिल सके। पिछले कुछ सालों में हमने ऐसिड अटैक पीड़ित, आई डोनेशन, भ्रूण हत्या जैसी थीम पर फोकस कर असहाय लोगों को अपनी बात रखने का प्लेटफॉर्म दिया है।