HomeBiharलोकतंत्र का चौथा स्तंभ, बिहार में कब हुआ आरंभ? Anjali Shreya Bihar, Bihari, Education, Entertainment, Facts, India, Internet, Life, News, Patna, Places, बिहार से Share Pin आज हम बिहार के मीडिया की बात करेंगे। हां ये बात और है कि मीडिया का नाम सुनते ही सुशांत सिंह राजपूत, ड्रग्स, कंगना और दिलजीत दोसांझ के ट्वीट फाइट ज़रूर याद आएंगे। इन सब चीज़ों के बारे में तो आए दिन हम सब सुनते हि रहते हैं पर अब कुछ ऐसी चीज़ों पे नज़र डालते हैं जो जरूरी तो है लेकिन कुछ ही लोग इसे जानने कि चाह रखते हैं। बिहार में मीडिया की शुरुआत बिहारबंधु से हुई, जो बिहार में प्रकाशित पहला हिंदी अखबार है। बिहारबंधु का शुभारंभ 1872 में एक महाराष्ट्रियन ब्राह्मण केशव राम भट्ट द्वारा किया गया। इसी के साथ हिंदी पत्रकारिता कि शुरुआत बिहार, और विशेष रूप से पटना में हो गई थी। लेकिन हिंदी भाषा के प्रति सम्मान न होने के कारण उस समय बहुत कम प्रगति देखने को मिली। हिंदी भाषा के प्रति ऐसी सोच के वज़ह से कई हिंदी प्रकाशन शुरू तो हुए पर टिके नहीं, और कुछ तो शुरू करने से पहले ही बंद कर दिए गए। पर वो कहते हैं न कर्म करो फल की चिंता मत करो, हिंदी पत्रकारिता ने भी ज्ञान और परिपक्वता हासिल की। Share Pin 1880 में बिहार के कानून न्यायालयों में हिंदी को पेश किया गया और बिहार के कुछ इलाकों में इसका असर नज़र आने लगा। 20 वीं सदी की शुरुआत 1901 में पटना में प्रकाशित एक मासिक पत्रिका, भारत रत्न सहित उल्लेखनीय नए प्रकाशनों द्वारा चिह्नित की गई। बिहार ने हिंदी भाषा से पत्रकारिता में एक अलग पहचान तो बनाई ही साथ ही बिहार के अन्य भाषाओं को भी सम्मान मिलने लगें। 1952 में पटना में स्थापित मगही परिषद ने, बिहार में मगधी पत्रकारिता का नेतृत्व किया। मगधी के नाम से मासिक पत्रिका शुरू कि गई। बाद में इसका नाम बदल कर ‘बिहान’ कर दिया गया। टेक्नोलॉजी बढ़ी और इसके साथ ही 2018 में सुमित सौरव के द्वारा समस्तीपुर में बिहार टीवी इंडिया की स्थापना हुई। अब बिहार कि सबसे पहली मीडिया हाउस कि बात करें तो तरंग मीडिया का नाम सबसे पहले आता है। ये 2017 में मोतिहारी पूर्वी चंपारण बिहार से प्रकाशित हुआ। इसका प्रकाशन और प्रसारण इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, अंग्रेजी-हिंदी राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र इसके अलावा मासिक पत्रिका भी लॉन्च की गई। Share Tweet Share Pin Comments comments