HomeBiharबिहार में ईसाई धर्म की ऐतिहासिक धरोहर Farhat Naz Bihar, Bihari, Changemaker, Education, Entertainment, Event, Facts, Festival, India, Internet, Interview, Life, News, Patna, Places, बिहार से Share Pin क्रिसमस में भले ही बच्चों के लिए सांता क्लॉज़ तौहफे लाते हो लेकिन बिहार के बच्चों के लिए पक्कल दढ़ीया वाला बुढ़वा ही क्रिसमस में अपना झोला लेकर आता है और बच्चा चिल्लाता है देखो ‘ सांता आवेला’। क्रिसमस में भी एक दूसरे बधाइयां देने के लिए वॉट्सएप पर बिहार का अपना जिंगल बेल, अपने लहज़े में लोग शेयर करते हैं। क्रिसमस के दौरान बिहार में जगह-जगह सांता और बिहार के ‘झोली बाबा’ तौफे देते हैं। ईसाई धर्म के अलावा कई धर्म के लोग भी इस दौरान चर्च में प्रार्थना करते दिखते है। पूरे बिहार में कई चर्च मौजूद है जिसकी स्थापना अलग-अलग समय पर हुई। इन चर्चो में एक है पादरी की हवेली, बिहार में मौजूद सभी चर्चो में से सबसे पुराना। 1713 में रोमन कैथोलिक बिहार आए थे, तब इस चर्च की स्थापना हुई थी। 1772 में इस चर्च को कोलकाता के तिरेटो ने दुबारा डिजाइन किया। इस खूबसूरत चर्च को पहले दो बार गिराया जा चुका था। इसके अलावा आरा का होली सेवियर चर्च शहर के प्रमुख चर्चों में से एक है। जब जॉर्ज v कोलकाता से दिल्ली आ रहे थे तब उन्होंने आरा में एक दिन बिताया था। उनकी प्रार्थना करने के लिए इस चर्च का निर्माण कराया गया। इन चर्चों के आलावा बिहार के प्रमुख चर्च हैं- संत लुक्स चर्च, स्टीफेंस चर्च, क्राइस्ट चर्च। Share Pin बिहार में सबसे प्रसिद्ध कॉलेज की बात किया जाए तो उसमें पटना वूमेंस कॉलेज का नाम भी शामिल है। इस कॉलेज की स्थापना 1940 में बिशॉप बी. जे सल्लिवान एस.जे, पटना के बिशॉप और मदर जोसेफिन एसी ने किया था। बिहार में स्थापित यह पहला ऐसा कॉलेज था जिसे औरतों को शिक्षित करने और उन्हें सशक्त करने के लिए बनाया गया था। अब भी बिहार की कई छात्राओं की सबसे पहली पसंद पटना वूमेंस कॉलेज ही है। चर्च और कॉलेज के अलावा स्कूल की बात किया जाए तो बिहार में मौजूद स्कूलों में से कुछ स्कूल हैं – संत जोसेफ कॉन्वेंट हाई स्कूल। छात्राओं के लिए बनाया गया यह स्कूल बिहार के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है। यह स्कूल बिहार के बांकीपुर में स्थित है जिसकी स्थापना 1853 में हुई थी। इसके अलावा संत जेवियर हाई स्कूल, जोकि पटना के प्रसिद्ध गांधी मैदान के पास स्थित है, इसकी स्थापना 1940 में हुई थी। Share Tweet Share Pin Comments comments